बाइबल वचन: गलातियों 3:1
परमेश्वर विश्वासयोग्य है
परमेश्वर ने सदा अपने लोगों के साथ वाचा निभाई है। वह अपने वचनों के प्रति सच्चे और विश्वासयोग्य हैं। जब हम उसकी शरण में आते हैं, तो वह हमें कभी निराश नहीं करता। बाइबल हमें बताती है कि परमेश्वर की योजनाएँ हमें आशा और भविष्य देने के लिए हैं। यीशु ने अपने जीवन के द्वारा यह प्रमाणित किया कि परमेश्वर अपने लोगों से प्रेम करता है और उनकी भलाई के लिए कार्य करता है।
यीशु के नाम की सामर्थ
बाइबल कहती है कि स्वर्ग के नीचे दिया गया केवल एक ही नाम है जिसके द्वारा हमें उद्धार मिल सकता है – वह नाम है यीशु मसीह (प्रेरितों के काम 4:12)। यीशु के नाम में अद्भुत सामर्थ है। जब हम यीशु के नाम से प्रार्थना करते हैं, तो परमेश्वर हमें सुनता है। उसके नाम से बंधन टूट जाते हैं, चंगाई मिलती है और अंधकार में प्रकाश प्रकट होता है।
यीशु परमेश्वर की परिपूर्णता हैं
यीशु परमेश्वर की परिपूर्णता हैं, और उसके द्वारा हम परमेश्वर को पूरी तरह से जान सकते हैं। कुलुस्सियों 2:9 में लिखा है कि “क्योंकि उसी में ईश्वरत्व की सारी परिपूर्णता शारीरिक रूप में वास करती है।” यीशु हमें दिखाते हैं कि परमेश्वर कैसा है और उसके प्रति हमारा क्या उत्तरदायित्व है।
परमेश्वर में विश्वास क्या है?
परमेश्वर में विश्वास का अर्थ केवल उसके अस्तित्व को स्वीकार करना नहीं है, बल्कि उसके वचन और मार्गदर्शन पर पूरा भरोसा रखना भी है। यह विश्वास हमें अनिश्चितताओं से निकलकर परमेश्वर की योजना में चलने की शक्ति देता है। जब हम यीशु में विश्वास रखते हैं, तो हम शांति, आनंद और उद्धार का अनुभव करते हैं।
यीशु ही एकमात्र मार्ग है
यीशु ने स्पष्ट रूप से कहा कि “मार्ग, सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता” (यूहन्ना 14:6)। यह बताता है कि उद्धार का केवल एक ही मार्ग है, और वह यीशु मसीह है। हमें संसार के अन्य मार्गों में भटकने के बजाय यीशु के मार्ग पर चलना चाहिए।
यीशु पापियों के लिए मरे
यीशु ने हमारे पापों को क्षमा करने के लिए अपने प्राण दे दिए। रोमियों 5:8 कहता है, “परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की यह सिद्धि करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिए मरे।” उसका बलिदान हमें नया जीवन और परमेश्वर के साथ शाश्वत संबंध प्रदान करता है।
आत्मिक युद्ध
आध्यात्मिक जीवन एक युद्ध के समान है। शैतान हमें परमेश्वर से दूर करने के लिए प्रयास करता है, लेकिन हमें आत्मिक रूप से सचेत रहने की आवश्यकता है। इफिसियों 6:12 कहता है, “क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध लहू और मांस से नहीं, परन्तु प्रधानों और अधिकारियों से है।” हमें प्रार्थना और परमेश्वर के वचन द्वारा इस युद्ध में विजयी होना है।
आत्माओं की परख करें
बाइबल हमें सिखाती है कि हमें हर आत्मा की जाँच करनी चाहिए कि क्या वह परमेश्वर से है या नहीं (1 यूहन्ना 4:1)। संसार में बहुत से झूठे शिक्षक और भविष्यवक्ता हैं, जो लोगों को गुमराह करते हैं। हमें सच और झूठ में अंतर करने के लिए परमेश्वर के वचन को गहराई से समझना होगा।
वेदी, बलिदान और परमेश्वर की सामर्थ
पुराने नियम में वेदी और बलिदान परमेश्वर की आराधना का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। लेकिन अब, यीशु मसीह हमारे लिए परम प्रधान बलिदान बन गए हैं। इब्रानियों 10:10 कहता है, “हम यीशु मसीह के शरीर के एक ही बार बलिदान देने के द्वारा पवित्र किए गए हैं।” अब हमें अपने जीवन को परमेश्वर की जीवित वेदी के रूप में समर्पित करना चाहिए।
यीशु हमें परमेश्वर से जोड़ते हैं
पाप ने हमें परमेश्वर से अलग कर दिया था, लेकिन यीशु ने हमारे लिए मार्ग बनाया ताकि हम फिर से उसके साथ संगति कर सकें। रोमियों 5:1 कहता है, “इसलिए कि हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल मिला है।” यीशु के द्वारा हम परमेश्वर के प्रेम और अनुग्रह का अनुभव कर सकते हैं।
यीशु की मृत्यु से शैतान का नाश हो गया
क्रूस पर यीशु की मृत्यु ने शैतान के सभी कार्यों को नष्ट कर दिया। इब्रानियों 2:14 कहता है कि “उसने मृत्यु को सहकर उसे नष्ट कर दिया, जो मृत्यु का अधिकारी था, अर्थात शैतान।” अब शैतान की कोई शक्ति नहीं है उन लोगों पर जो यीशु में विश्वास रखते हैं।
यदि आप यीशु में विश्वास रखते हैं, तो परमेश्वर आपको बहुतायत से आशीष देगा। वह आपके जीवन को आशीषों से भर देगा, आपको शांति, प्रेम, और आनंद से परिपूर्ण करेगा। परमेश्वर का अनुग्रह आपके जीवन में नए आयाम खोलेगा।
निष्कर्ष यीशु ही सच हैं और वह परमेश्वर की पूर्णता को प्रकट करते हैं। जब हम यीशु पर विश्वास करते हैं, तो हम आत्मिक रूप से मजबूत होते हैं और हमें शैतान के प्रभाव से बचने की शक्ति मिलती है। यीशु का नाम सामर्थी है और वह हमें उद्धार, शांति, और आनंद देता है। यदि हम पूरी तरह से परमेश्वर पर निर्भर रहते हैं, तो वह हमें मार्गदर्शन करेगा और हमारे जीवन को आशीषित करेगा।